लेखक के लिए शायरी

मैं लिखता नहीं, वो लिखवा देती है... अपनी यादों की स्याही से मेरे एहसासों की कलम चलवा देती है


 किसी ने कहा कि तुम अच्छा लिखते हो उसने पढ़ा क्या था ये बताया ही नहीं... 


 अल्फ़ाज़ों की कश्तियों पर मोहब्बत का सफर चलाता हूँ मैं,शायर तो नहीं हूँ पर कभी-कभी बेइन्तहां शायरी लिख जाता हूँ मैं ।


तुम्हें कभी पूरा लिखूँ, कभी अधूरा लिखूँ, मैं रातों में बैठकर तुम्हें सवेरा लिखूँ,मैं जब भी लिखूँ बस इतना लिखूँ...मुझे, तेरा ,और तुझे मैं मेरा लिखूँ….. 

Previous Post Next Post